Friday, June 6, 2014

इंजीनियर बनना चाहते हैं मेरिट में आए तीनों विद्यार्थी

जांजगीर-चांपा जिले में षिक्षा की नींव मजबूत होती जा रही है। यह साबित होता है, बोर्ड परीक्षाओं में हर साल छात्रों के मेरिट में स्थान बनाने से। इस साल भी 10 वीं बोर्ड की परीक्षा की मेरिट सूची में जिले के 2 छात्र और 1 छात्रा यानी 3 विद्यार्थियों ने जगह बनाई है और जिले का नाम रौषन किया है। तीनों ही विद्यार्थी इंजीनियर बनने की तमन्ना रखते हैं और वे सरस्वती षिषु मंदिर के छात्र-छात्राएं हैं। खास बात यह है कि मेरिट में सातवां स्थान बनाने वाले चांपा के विकास कुमार देवांगन को गणित में 100 फीसदी अंक हासिल हुआ है।
जिले की षिक्षा के विकास पर गौर करें तो दषकों से छात्र-छात्राएं 10 वीं और 12 वीं की मेरिट सूची में स्थान बनाते रहे हैं। जिले को हर साल के परिणाम में यह सौभाग्य मिलते रहा है, लेकिन 2008 में मेरिट में हुए फर्जीवाड़े ने जिले की षिक्षा व्यवस्था को कलंकित कर दिया। आज भी जिले के छात्र, उस कलंक को मिटाने की कोषिष में लगे हैं। हालांकि, षिक्षा के मामले में जिले की तस्वीर अब बदली हुई नजर आ रही है। षिक्षा के स्तर में सुधार होने के साथ ही पढ़ाई के प्रति छात्रों और अभिभावकों को रूझान बढ़ा है। यही वजह है कि मेरिट में आने वाले छात्रों को नकल के मामले में शक की निगाह से नहीं देखा जाता। मेरिट में आए छात्रों द्वारा भी अथक मेहनत की जाती है, जिसका प्रतिफल, लगन से पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिल भी रहा है।
मेरिट में आए हर छात्र की कहानी, एक-दूसरे से जुदा है। इतना जरूर है कि सभी ने कड़े परिश्रम की पढ़ाई के बाद यह मुकाम हासिल किया है। मेरिट में सातवां रैंक प्राप्त, सरस्वती षिषु मंदिर चंद्रपुर की छात्रा वंदना देवांगन ने भी इंजीरियर बनने का सपना संजोया है और वह खुद और उसके परिवार के लोग, उसकी पूरी मदद करते नजर आ रहे हैं। मेरिट में आए तीनों विद्यार्थियों का कहना है कि वे हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई करते रहे हैं। सभी अपने भविष्य के सपनों में खोए नजर आते हैं और इत्तीफ ही है कि तीनों ही छात्र-छात्राएं, इंजीनियर बनना चाहते हैं और तीनों, सरस्वती षिषु मदिर से पढ़ाई कर रहे है।
10 वीं बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में सातवां स्थान हासिल करने वाले विकास कुमार देवांगन, मैकेनिकल इंजीनियर बनना चाहता। उसे अपने पिता चंद्रकांत देवांगन से प्रेरणा मिली है, क्योंकि वे एक निजी कंपनी में कार्य करते हैं, जहां उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के कार्य को नजदीक से देखा है। अनुभवी लोगों की सलाह उनके लिए काफी मददगार साबित हुई है।

मेरिट में आठवां रैंक प्राप्त करने वाले सरस्वती षिशु मंदिर लोहर्सी ( खरौद ) के छात्र किषोर कष्यप ने भी पढ़ाई करने मेहनत में कोई कमी नहीं की। ग्रामीण इलाके होने की वजह से अक्सर लोहर्सी गांव में बिजली की आंखमिचौली बनी रहती है, जिसके कारण किषोर को मोमबत्ती की लौ के सहारे पढ़ाई करनी पड़ती है। फिर भी उसने पढ़ाई प्राथमिकता दी और आज वह नई उम्मीदों के साथ भविष्य को निहार रहा है।
इधर षिक्षा के स्तर में लगातार सुधार होने तथा छात्रों के मेरिट में स्थान बनाने से षिक्षा विभाग के अफसर में गदगद हैं। उनके मुताबिक, इस साल की परीक्षा में 4 फीसदी अधिक रिजल्ट रहा है। इसके लिए विभाग ने एक प्रोजेक्ट पर काम किया था।
जिले में षिक्षा की बुनियाद जिस तरह मजबूत होती जा रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि षिक्षा के मामले में आने वाले दिन, सुखद अनुभूति वाले होंगे। मेरिट में आए विद्यार्थियांे से प्रेरणा लेकर दूसरे छात्र भी उनके नक्षे-कदम पर चलेंगे, तो उन छात्रों को भी उपलब्धि हासिल होगी, जो असफलता मिलने पर निराष हो जाते हैं। निष्चित ही, छात्रों द्वारा नए-नए कीर्तिमान स्थापित करने से जिले का मान भी अवष्य बढ़ेगा।

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